भारत एक कृषि प्रधान देश है |चूँकि भारत में कुल श्रमशक्ति कालगभग 54% भाग कृषि क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करता है, इसलिए भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है |
भारत में 15 कृषि जलवायुविक प्रदेश पाये जाते हैं |
कोई भी पौधा एक विशेष जलवायुविक दशाओं में ही उग सकता है और अपना विकास कर सकता है | अगर विशेष जलवायुविक दशाओं की स्थिति न हो तो पौधों का उगना और विकास करना संभव नहीं होगा | उदाहरण के लिए-धान एक उष्णकटिबंधीय फसल है,अर्थात् विषुवत् रेखा के आस-पास के क्षेत्रों में ही धान की खेती करना संभव है |
धान एक उष्णकटिबंधीयपौधा है, जबकि दूसरी तरफ गेहूँ एक शीतोष्ण कटिबंधीय पौधा है |यही कारण है कि भारत में गेहूँ की खेती जाड़े के मौसम में और धान की खेती मानसून के आगमन के साथ होती है |
गेहूँ तीन कटिबंधीय प्रदेशों में उगाया जाता है – (i) उष्णकटिबंध(ii) शीत कटिबंध (iii) शीतोष्ण कटिबंधभारत में तीन प्रकार कीफसल ऋतुएँ पायी जाती है |(i) खरीफ की फसल (ii) रबी की फसल (iii) जायद की फसल
खरीफ की फसल
खरीफ की फसल मुख्य रूप से मानसून कालकी फसल है |
खरीफ की फसल को जून-जुलाई में बोया जाता है तथा अक्टूबर-नवम्बर में काट लिया जाता है |
इस फसल के अन्तर्गत निम्नलिखित खाद्यान्नों को शामिल किया जाता है |जैसे –
खाद्यान्न
धान, ज्वार, बाजरा और मक्का
दलहन
मूंग, उड़द, सोयाबीन, लोबिया और अरहर
तिलहन
सोयाबीन, मूँगफली, सूरजमुखी, तिल औरअंडी
नकदी
कपास, जूट और तम्बाकू
रबी की फसल
रबी की फसलमुख्य रूप से शीत ऋतु की फसल है |
इसे अक्टूबर-नवम्बर में बोया जाता है तथा अप्रैल-मई में काट लिया जाता है |
इस फसल के अन्तर्गत निम्नलिखित खाद्यान्नों को शामिल किया जाता है |जैसे –
खाद्यान्न
गेहूँ और जौ
दलहन
मटर और चना
तिलहन
सरसों
नकदी
गन्ना और बरसीम
जायद की फसल
रबी की फसल ऋतुऔर खरीफ की फसल ऋतुके बीचबोई जाने वाली फसल को जायद की फसल कहा जाता है |
ग्रीष्म ऋतु में मौसम के शुष्क होने के कारण इस समय मुख्य रूप से ऐसे फसल उगाये जाते हैं, जो पानी का अधिक से अधिक संचय करते हैं|
इस फसल के अन्तर्गत निम्नलिखित खाद्यान्नों को शामिल किया जाता है |जैसे -खरबूज, तरबूज, खीरा, ककड़ीऔर जहाँ थोड़ी सिंचाई की सुविधा होती है ऐसे क्षेत्रों में मूँग और उड़द भी उगा दिया जाता है |
मूंग और उड़दखरीफ तथा जायद दोनोंफसल ऋतु की फसल है |
कंटूर खेती (समोच्च कृषि)
पर्वतीय ढाल वाले क्षेत्रों में जल तेजी से ढाल की ओर प्रवाहित हो जाता है | इस प्रवाह के कारण जल अपने साथ मिट्टी को बहा ले जाती है | दूसरी तरफ जल का प्रवाह इतना तीव्र होता है कि यहाँ मिट्टी जल को सोख नहीं पाती है | अत: यहाँ मिट्टी में नमी की मात्रा बहुत कम होती है |इस समस्या का समाधान करने के लिए कंटूर कृषि अथवा समोच्च कृषि का विकास किया गया है |
पहाडी ढ़ालों को काट-काटकर सीढ़ीदार खेतों के रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है, इसे कंटूर कृषि कहते हैं| इसकी मुख्य विशेषता यह है कि प्रत्येक सीढी पर अलग-अलग प्रकार की फसल उगाई जाती है | इस प्रकार से कृषि करने पर भूमि को जल सोखने का मौका मिल जाता है तथा मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बनी रहती है |
भारत में कृषि
नकदी फसल या व्यापारिक फसल
जिन फसलों को उपभोग के लिए न उगाकर बल्कि व्यापारिक लाभ के लिए उगाया जाता है, उन्हें हम नकदी फसल या व्यापारिक फसलकहते हैं |
व्यापारिक फसल के अन्तर्गत निम्नलिखित फसलों को शामिल किया जाता है |जैसे – मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, जूट, कपास, सूरजमुखी चाय और कॉफी आदि |
ट्रैप क्रॉप (Trap Crop)
खेतों को कीट-पतंगों तथा खरपतवारों से बचाने के लिए मुख्य फसल के साथ जो फसल उगाई जाती है उसे हम ट्रैप क्रॉप कहते हैं |उदाहरण के लिए –कपास के पौधे पर Cotton Red Bug नामक कीटों से बचाने के लिए कपास के खेत के मेड़ के चारो तरफ भिण्डी उगा दी जाती है | इससे कीट कपास में बैठने से पहले भिण्डी पर उलझ जाते है,जिससे कपास इन हानिकारक कीटों से बच जाता है |
भारत में कृषि
एनर्जी क्रॉप (Energy Crop)
जिन फसलों को एल्कोहल या बायोडीजल बनाने के लिए उगाया जाता है उन्हें हम एनर्जी क्रॉप (Energy Crop) कहते हैं | उदाहरण के लिए – गन्ना, आलू, जेट्रोफा और मक्का आदि |
सर्वाधिक गन्ना उत्पादक देश ब्राजील है| ब्राजील में बड़े पैमाने पर गन्ने से बायोडीजल बनाया जा रहा है |
आलू में स्टार्चकी अधिक मात्रा पायी जाती है |स्टार्च एक जटिल कार्बोहाइड्रेट है इससे एल्कोहल बनाया जा सकता है |
देश की प्रमुख खाद्यान्न फसलें
चावल (धान)
धान/चावल ग्रेमिनीकुल का पौधा है |
चावल का वानस्पतिक नाम ऑरिजा सेटाइवा है |
चावल एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का पौधा है |
चावल/धान की उत्पत्ति का केन्द्र भारत अथवा दक्षिण पूर्वी एशिया के देश जैसे – म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, कम्बोडिया और वियतनाम को माना जाता है |
विश्व में चावल की कृषि के अन्तर्गत सबसे ज्यादा क्षेत्र भारत में है| किन्तु चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है |
देश में मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चावल की तीन फसल पैदा की जाती हैं –
(i) ओस – शरद ऋतु का फसल (मानसून काल में)(ii) अमन – शीतऋतु का फसल(iii) बोरो – ग्रीष्मऋतु का फसल
देश में सर्वाधिक चावल उत्पादन पश्चिम बंगाल में होता है | लेकिन चावल का प्रति हेक्टेयर उत्पादन पंजाब में सर्वाधिक है |
पंजाब प्रतिशत की दृष्टि से देश का सर्वाधिक सिंचित राज्य है |
पंजाब का 97% क्षेत्रफल, सिंचित क्षेत्रफल के अन्तर्गत शामिल है | इसलिए प्रति हेक्टेयर उत्पादकता मेंपंजाब , पश्चिम बंगाल से आगे है |
हरित क्रान्ति में मुख्य फसल गेहूँ थी और इसका क्षेत्र मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश था |
हरित क्रान्ति के पहले चरण में धान की खेती पर प्रयोग नहीं किया गया था |
पंजाब जलवायुविक दृष्टि से धान की कृषि के लिए अनुकूल नहीं है |
धान के कृषि के लिए ऐसे क्षेत्र अनुकूल होते हैं जहाँ वर्षा की मात्रा ज्यादा हो |जैसे – पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र |
महानदी बेसिन का क्षेत्र (छत्तीसगढ़) में वर्षा अधिक होने के कारण धान की कृषि के लिए अधिक अनुकूल है |
छत्तीसगढ़ मेंधान की अच्छी उपज होने के कारण इसे धान का कटोरा कहते हैं |
धान उष्णकटिबंधीयमानसूनी जलवायु का पौधा है, जहाँ मानसून द्वारा वर्षा होती है |
पंजाब मानसूनी वर्षा का क्षेत्र नहीं है |
मानसून की बंगाल की खाड़ी शाखा केवल दिल्ली तक ही वर्षा कर पाती है | दिल्ली से आगे वायु में नमी न होने के कारण ये वर्षा नहीं कर पाती | लेकिन सिंचाई के सुविधा के कारण ही पंजाब में धान की कृषि भी सम्भव हो सकी है |
पंजाब में न केवल धान का उत्पादन किया जाता है, बल्कि प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में भी सबसे आगे है |
देश में धान की कृषि के अन्तर्गत सर्वाधिक क्षेत्र पश्चिम बंगाल में है |
चावल को बहुत धोने से विटामिन B1 (थायमिन)जो उसके ऊपरी परत में विद्यमान रहता है, नष्ट हो जाता है |
गोल्डन राइस चावल की एक प्रजाति है, जिसमें विटामिन A (बीटा कैरोटिन) अधिक मात्रा में पाया जाता है |