उत्तराखंड शासनिक-प्रशासनिक सरंचना
पेपर में पूछे जाने वाले प्रश्न
1. देश का 27 वां राज्य उत्तराखंड है।
2. हिमालयी क्रम में उत्तराखंड 11 वां राज्य है।
3. उत्तरांचल से उत्तराखंड 1 जनवरी 2007 को नाम बदला गया
4. राजकीय चिन्हों का निर्धारण 2001 में किया गया ।
5. राजकीय चिन्ह के नीचे लिखा गया 'सत्यमेव जयते' मुडकोपनिषद से लिया गया है ।
6. ब्रह्मकमल 4800-6000 फिट की ऊंचाई पर मिलता है ।
7. ब्रह्मकमल एस्ट्रेसी कुल का है ।
8. उत्तराखंड में ब्रह्मकमल की 24 और पूरे विश्व मे 210 प्रजाति है ।
9. ब्रह्मकमल का वैज्ञानिक नाम सोसुरिया अबवेलेटा है ।
10. महाभारत के वन पर्व में इसे कोलपद्म कहा जाता है ।
11. ब्रह्मकमल की ऊंचाई 70-80 CM होती है ।
12. ब्रह्मकमल फूलों की घाटी में सर्वाधिक पाए जाते है ।
13. ब्रह्मकमल के खिलने का समय जुलाई से सितंबर है ।
14. मोनाल राज्य पक्षी है, 2500-5000 मीटर ऊंचाई पर पाए जाते है ।
15. मोनाल एक मादा पक्षी है, और डफिया एक नर पक्षी है।
16. मोनाल उत्तराखंड, हिमाचल का राजकीय पक्षी, नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी है ।
17. मोनाल का वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इम्पीजेनस है ।
18. मोनाल घोषला नही बनती है ।
19. मोनाल का प्रिय आहार आलू है।
20. राजकीय पशु कस्तूरी मृग है, ये 3600 से 4400 तक ऊंचाई के मध्य पाए जाते है।
21. कस्तूरी मृग की चार प्रजाति पाई जाती है ।
22. कस्तूरी मृग का वैज्ञानिक नाम मस्कस काईरोगास्टर है। इसे हिमालयन मास्क डियर के नाम से भी जाना जाता है ।
23. कस्तूरी मृग की गर्भधारण क्षमता 6 महीने होती और आयु 20 साल होती है ।
24. कस्तूरी केवल नर मृग में पाई जाती है, एक समय मे 30-45 ग्राम तक प्राप्त की जाती है, इससे 3-3 वर्ष के अन्तराल में प्राप्त की जाती है ।
25. इनके सरक्षंण के लिए 1972 में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग 967.2 वर्ग किमी0 में कस्तूरी मृग विहार की स्थापना की गई ।
26. 1977 में महरुड़ी में कस्तूरी मृग अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई ।
27. 1986 में पिथौरागढ़ में अस्कोट अभ्यारण्य की स्थापना की गई।
28. 1982 में चमोली जिले के कांचुला खर्क में कस्तूरी मृग प्रजनन एवम संरक्षण केंद्र की स्थापना की गई ।
29. बुरांश राजकीय वृक्ष है, इसका वैज्ञानिक रोडोडेन्ड्रोन आरबोरियंम है । यह 1500-4000 मीटर की ऊंचाई तक मिलते है ।
30. 11 हजार फुट की ऊंचाई पर सफेद रंग के बुरांस पाए जाते है ।
31. बुरांस का जूस हृदय रोग के लिए अच्छा माना जाता है।
32. 1974 में बुरांस को संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया ।
33. संविधान के अनुच्छेद - 153 के अनुसार राज्यों के लिए राज्यपाल की व्यवस्था की गई है ।
34. राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति और राज्य का प्रथम व्यक्ति राज्यपाल ही होता है ।
35. राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है ।
36. अनुछेद-164 के अनुसार राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है ।
37. राज्य कार्यपालिका का वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री होता है जबकि कार्यपालिका राज्यपाल में निहित होती है ।
38. 1840 में पौड़ी जिले का गठन किया गया ।
39. 1854-55 कुमाऊं मंडल का मुख्यालय नैनीताल में बनाया गया ।
40. 1891 में कुमाऊं कमिश्नरी के तहत नैनीताल और अल्मोड़ा नामक दो जिले बनाये गए ।
41. 1960 में उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी जिले बने।
42. 1969 में गढ़वाल मंडल गठित किया गया ।
43. 1817 में देहरादून का गठन किया गया और मेरठ में मिलाया गया।
44. 28 दिसम्बर 1988 को हरिद्वार और 1997 में ऊधमसिंह नगर, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर जिले बने।
45. मुख्य सचिव राज्य प्रशासन की धुरी है।
46. 1819 में कुमाऊं मंडल में पटवारी पद सृजित किया गया।
47. वर्तमान में 61 % भाग पर पटवारी व्यवस्था है।
48. कुमाऊं मंडल में 6 जिले और गढ़वाल में 7 जिले है ।
49. कुल 13 जिले है ।
50. राज्य गठन के समय कुल 49 तहसीलें थी ।
51. राज्यपाल महाधिवक्ता की नियुक्ति अनुच्छेद-165 के तहत करता है। यह विधि विषय पर राज्यपाल को सलाह देता है ।
52. विधानसभा का गठन अनुच्छेद-170 के तहत वयस्क मतदाताओं के द्वारा किया जाता है ।
53. विधानसभा में अधिक 500 और कम से कम 60 सदस्य हो सकते है ।
54. अनुच्छेद-173 में विधानसभा की सदस्य की योग्यताओं का विवरण है ।
55. विधानसभा के लिए आयु सीमा 25 वर्ष रखी गयी है ।
56. विधानसभा के लिए गणपूर्ति 1/6 के अनुसार 10 है।
57. विधानसभा की वर्ष में कम से कम दो बैठक होना अनिवार्य है। दोनों बैठक में 6 माह से अधिक का समय नही होना चाहिए ।
58. राज्य गठन के पूर्व राज्य में विधानसभा की कुल 22 सीटें थी । वर्तमान में 70 विधानसभा सीटें है जिनमे से आरक्षित सीटों की संख्या 15 ( 13 SC और 2 ST ) है ।
59. अनुसूचित जनजाति के लिए :- चकराता और नानकमत्ता आरक्षित है ।
60. 9 नवंबर 2000 को भाजपा के नेतृत्व में अन्तरिम सरकार का गठन किया गया, सुरजीत सिंह बरनाला को राज्य का पहला राज्यपाल और नित्यानंद स्वामी को पहला मुख्यमंत्री बनाया गया।
61. अंतरिम विधानसभा में कुल 30 विधायकों में से 23 भाजपा के थे।
62. 29 अक्टूबर 2001 को भगतसिंह कोश्यारी अंतरिम सरकार के दूसरे मुख्यमंत्री बने। यह मार्च 2002 तक CM रहे ।
63. अंतरिम विधानसभा के अध्यक्ष प्रकाश पंत बनाये गए । प्रथम सत्र 9 जनवरी 2001 से शुरू हुआ ।
64. राज्य में प्रथम विधानसभा चुनाव 14 फरवरी 2002 को हुआ ।
65. 2 मार्च 2002 से नारायण दत्त तिवारी राज्य के प्रथम निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री बने ।
66. यशपाल आर्य पहले निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष बने ।
67. दूसरी विधानसभा चुनाव :- 21 फरवरी 2007
68. तीसरी विधानसभा चुनाव :- 30 जनवरी 2012
69. चौथी विधानसभा चुनाव ;- 11 मार्च 2017 को परिणाम आने के साथ हुए ।
70. राज्य में लोकसभा की 5 सीटें और राज्य सभा की 3 सीटें है ।
71. पांच लोक सभा सीटें :- 1. अल्मोड़ा 2. टिहरी 3. पौड़ी 4. नैनीताल 5. हरिद्वार ।
72. अल्मोड़ा लोकसभा की सीट अ. जा. के लिए सुरक्षित है ।
73. उच्च न्यायालय नैनीताल का निर्माण सर मैकडोनाल्ड ने किया, 1962 में उत्तर प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई गई ।
74. उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना 9 नवंबर 2000 को 20 वें न्यायालय के रूप में की गई ।
75. वर्तमान में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में कुल न्यायाधीशों की संख्या 11 है।
76. राज्य उच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश अशोक अभ्यंकर देसाई है । और प्रथम रजिस्टर जी.सी.एम.रावत थे ।
77. 2001 में 45 फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया ।
78. लोकायुक्त का गठन 1 नवंबर 2011 को पारित किया गया ।
79. मार्च 2008 में पारित पंचायत अधिनियम के अनुसार पंचायत में महिलाओं के लिए आरक्षण 33 % से बढ़ाकर 50 % कर दिया गया ।
80. राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था है ।
81. जिला पंचायत सचिव मुख्य विकास अधिकारी/पंचायती राज अधिकारी होता है।
82. क्षेत्र पंचायत के निर्वाचित सदस्यों की संख्या 20 से कम 40 से अधिक नही हो सकती है ।
83. क्षेत्र पंचायत का सचिव बीडीओ होता है।
84. ग्राम पंचायत में सदस्यों की संख्या कम से कम 5 और अधिकम 15 होती है ।
85. न्याय पंचायत 500 ₹ तक के मूल्य तक कि सुनवाई कर सकती है ।
86. उत्तराखंड में वर्तमान में 9 नगर निगम है ।
87. उत्तराखंड में नगरपालिका परिषद 42 है ।
88. उत्तराखंड में 53 नगर पंचायत है ।
89. बद्रीनाथ, केदारनाथ, और गंगोत्री नगर पंचायत में चुनाव नही होते ।
90. नगर निगम का प्रमुख महापौर कहलाता है। इसका चुनाव प्रत्यक्ष रीति द्वारा होता है ।