उत्तराखंड राज्य के प्रमुख बुग्याल
1. सतोपंथ,घसतोली, रताकोण, लक्ष्मीवान, नंदनकानन, फूलों की घाटी, औली, गुरसो, चित्रकांठा, क्वारी, चौफिट शिखर, कल्पनाथ, कैला, रूपकुंड, बेदनी, बगजी:- चमोली
2. केदारकंठा, मनेग, हरकीदून, सोन गाड़, चाइन्सिल, देवदामिनी, दयारा, कुशकल्याण, पावँली कांठा, तपोवन, केदारखर्क, सरुताल :- उत्तरकाशी
3. मासरताल-सहस्त्रताल, खारसोली ताल, अप्सराओं (कोटली) ताल :- टेहरी
4. चोपता, थोली, मनणी, बर्मी व मदममेश्वर :- रुद्रप्रयाग ।
5. कफनी :- बागेश्वर
6. पिंडारी, नामिक, जोहार, खलिया, छिपलाकोट, रहाली, लडीपांगति, थाला, थारपा :- पिथौरागढ़
" उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा विगत परीक्षा में पूछे गए प्रश्न "
◆ फूलों की घाटी चमोली जिले में है ।
◆ ऊंचाई :- 3600 मीटर ।
◆ नर और गंध मादन पर्वत के मध्य ।
◆ 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया ।
◆ 14 जुलाई 2005 को UNESCO में शामिल किया गया।
◆ इसके मध्य से पुष्पावती नदी बहती ।
◆ पुष्पावती नदी कमेत पर्वत से निकलती है ।
◆ इसका क्षेत्रफल - 87.5 किमीo है ।
◆ उत्तराखंड में सर्वाधिक जैव विविधता यहीं पाई जाती है । (UKPSC EXAM)
◆ फूलों की घाटी की खोज फेंक स्माइथ ने की ।
◆ वर्ष 1931 में बद्रीनाथ की ओर जाते समय ।
◆ फ्रेंक स्माईथ अपने साथ 250 किस्म के बीज लेके गया ।
◆ स्कन्द पुराण में फूलों की घाटी को नंदनकानन कहा गया है ।
◆ महाकवि कालिदास ने अपनी मेघदूत में इसे अलका कहा है ।
◆ इसके अन्य नाम :- गंधमादन, बैकुठ, भ्यूंडार पुष्पावली, पुष्परसा, फ्रेंक स्माइथ घाटी आदि नामो से जाना जाता है ।
फूलों की घाटी का दृश्य कैसी है फूलों की घाटी
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