National Park in Uttarakhand (उत्तरखंड के नेशनल पार्क की सूची)
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National Park in Uttarakhand (उत्तरखंड के नेशनल पार्क की सूची)

उत्तरखंड के नेशनल पार्क की सूची | List of National Park in Uttarakhand




स.राष्ट्रीय उद्यान का नामस्थापनाक्षेत्रफलजिला
1जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान1936520.8 sq.kmनैनीताल
2गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान1955958 sq.kmउत्तरकाशी
3गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान19892390 sq.kmउत्तरकाशी
4फूलों की घाटी रष्ट्रीय उद्यान198287.50 sq.kmचमोली
5नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान1982630.33 sq.kmचमोली
6राजाजी राष्ट्रीय उद्यान1983820 sq.kmदेहरादून, हरिद्वार और पौड़ी


1-जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान | Jim Corbett National Park   

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान उत्तरखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान हैं। इसकी स्थापना 1936 में हुई थी। पहले जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम हैली नेशनल पार्क था। 1956 में इसका नाम बदल कर मशहूर शिकारी के नाम पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया।

कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 520.8 sq.km में फैला हुआ है तथा यहाँ 1973 में भारत सरकार द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुवात की गयी थी।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ देश विदेश से बहुत से शैलानी टाइगर सफारी करने के लिए जाते हैं।   

  • स्थापना- 1936
  • क्षेत्रफल- 520.8 sq.km
  • जिला – नैनीताल

Note:- हिम तेंदुआ योजना परियोजना गंगोत्री नेशनल पार्क में शुरू की गई ।

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2- गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान | Govind Pashu Vihar National Park

गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र के उत्तरकाशी जिले में स्तिथ है। इस राष्ट्रीय उद्यान को 1955 में एक वन्यजीव अभ्यारण के रूप में स्थापित किया गया था तथा बाद में इसको भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय उद्यान बना दिया गया।

इस नेशनल पार्क का नाम भारत के प्रमुख स्वतन्त्रता सेनानी व राजनेता स्वर्गीय श्री गोविन्द बल्लभ पन्त जी के नाम पर रखा गया है।

गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1 मार्च 1955 को हुई थी। यह 958 km2  में फैला हुआ है। 

इसके अंतर्गत स्वर्ग रोहिणी, बन्दर पूँछ, और ब्लैक पर्ल जैसे प्रमुख पर्वत शिखर आते हैं। 

हर की दून घाटी भी इसी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आती है जो की एक प्रमुख पर्यटक स्थल है।

गोविन्द पशु विहार नेशनल पार्क से टोंस नदी बहती है। 

भारत सरकार द्वारा स्नो लेपर्ड प्रोजेक्ट की शुरुवात इसी राष्ट्रीय उद्यान से की गयी थी।

गोविन्द पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान में मुख्यतः कस्तूरी मृघ, स्नो लेपर्ड, एशियाई कला भालू आदि जानवर निवास करते हैं। 

  • स्थापना- 1955
  • क्षेत्रफल- 958 sq.km
  • जिला – उत्तरकाशी

3- गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान | Gangotri National Park

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तरखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क तथा वन्यजीव अभ्यारण भी है। 

इसक नाम गंगोत्री ग्लेशियर के नाम पर रखा गया है। गंगा नदी का उद्गम स्थल गौमुख भी गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में ही स्थित है।  

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1989 में की गयी थी तथा इसका क्षेत्रफल 2390 km-sq है।  

यह पूर्वोतर में तिब्बत की सीमा से सटा हुआ है।  

इस नेशनल पार्क में मुख्यतः स्नो लेपर्ड, एशियाटिक भालू, नीली भेद, कस्तूरी मृग आदि पाए जाते हैं। 

गंगोत्री नेशनल पार्क अप्रैल से अक्टूबर महीने के बीच पर्यटकों के लिए खुला रहता है। 

  • स्थापना- 1989
  • क्षेत्रफल- 2390 sq.km
  • जिला – उत्तरकाशी

4-फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान | Valley of Flower National Park

Valley of flower national park उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। इसको फूलों की घाटी भी कहा जाता है। फूलों की घाटी की खोज सबसे पहले ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक स्मिथ ने 1931 में की थी। 

इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1982 में हुई तथा यह 87.50 sq-km में फैला हुआ है।  

फूलों की घाटी से पुष्पावती नदी बहती है। 

वर्ष 2005 में UNESCO ने फूलों की घाटी रष्ट्रीय उद्यान तथा नंदा देवी राष्टीय उद्यान को समिलित रूप से वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया। 

गौरी पर्वत इस राष्ट्रीय उद्यान का सबसे उचा शिखर है।

फूलों की घाटी में विभन्न प्रकार फूलों की प्रजाति पाई जाती है जिसको देखने के लिए देश विदेश पर्यटक आते हैं। 

इस राष्ट्रीय उद्यान में स्नो लेपर्ड, भालू, लाल लोमड़ी, मोनाल पक्षी आदि पाए जाते हैं। 

  • स्थापना- 1982
  • क्षेत्रफल- 87.50 sq.km
  • जिला – चमोली


5- नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान | Nanda Devi National Park

नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान उत्तरखंड के चमोली डिस्ट्रिक्ट में स्थित है।  इसकी स्थापना 1982 में की गयी थी तथा इसका कुल क्षेत्रफल 630.33 sq.km है।  

UNESCO द्वारा 1988 में नंदा देवी नेशनल पार्क को वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया। 2005 में फूलों की घाटी को भी इसमें मिला कर नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया। 

नंदादेवी पर्वत (7817 m) इस राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। यह उत्तराखंड की सबसे ऊँचा तथा भारत की दूसरी सबसे ऊँचा पर्वत है।

यहाँ मुख्यतः हिमालयी काला भालू, तेंदुआ, कस्तूरी मृघ आदि  पशुओं की प्रजाति पाई जाती है। 

  • स्थापना- 1982
  • क्षेत्रफल- 630.33 sq.km

6- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान | Rajaji National Park

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तरखंड के देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी डिस्ट्रिक्ट में फैला हुआ है। इसकी स्थापना 1983 में चिल्ला, मोतीचूर और राजाजी वन्यजीव अभ्यारण को एकसाथ मिला कर की गयी थी।

यह राष्ट्रीय उद्यान 820 sq.km में फैला हुआ है । 

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान का नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम के नेता तथा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित सी. राजगोपालाचारी के नाम से रखा गया है।

राजाजी नेशनल पार्क को 2015 में भारत सरकार द्वारा एक टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया। 

एशियाई हाथी, बंगाल टाइगर, इंडियन लेओपोर्ड, हीरण आदि मुख्य पशु राजाजी नेशनल पार्क में पाए जाते हैं।

  • स्थापना- 1983
  • क्षेत्रफल- 820 sq.km
  • जिला – देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी

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