पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली को मिला भारत गौरव सम्मान, कर्नाटक में हुआ था समारोह ।
भारत सेवा संगम ने वन विभाग के ग्रीन एंबेसडर और रुद्रप्रयाग में मिश्रित वन मॉडल को विकसित करने वाले पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली को भारत गौरव सम्मान से सम्मानित किया है। कर्नाटक राज्य के सेडम में आयोजित समारोह में कर्नाड की पद्मश्री ज्योति माता मंजूम ने जंगली को यह पुरस्कार प्रदान किया। अपनी वृद्ध माता के बीमार होने के कारण समारोह में शामिल नहीं हो पाए जंगली के पुत्र देवराघवेंद्र सिंह चौधरी ने पुरस्कार ग्रहण किया।
देशभर के अलग-अलग राज्यों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को भारत सेवा संगम भारतीय संस्कृति संगम प्रत्येक दो वर्ष में सम्मानित करता है। इस वर्ष जनपद रुद्रप्रयाग के रानीगढ़ पट्टी के कोट तल्ला गांव निवासी पूर्व सैनिक और पर्यावरणविद जगत सिंह जंगली को भी इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। जंगली, बीते 42 वर्षों से अपने गांव से लेकर प्रदेश स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाए हुए हैं। उन्होंने पैतृक भूमि सहित अन्य क्षेत्र में मिश्रित वन की स्थापना की जो आज फल-फूल रहा है।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद देवराघवेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय मंच पर पिता का सम्मान ग्रहण करना उनके लिए जीवन की सबसे बड़ी खुशी है। बताया कि समारोह में 100 लोगों को सम्मानित किया गया। इधर, पर्यावरणविद जगत सिंह जगली को भारत गौरव सम्मान मिलने पर प्रभारी मंत्री व कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक भरत सिंह चौधरी, विधायक आशा नौटियाल आदि ने उन्हें बधाई दी।
जगत सिंह जंगली ने 70 के दशक में पेड़ लगाने की शुरुआत की. तकरीबन 45 साल पूरे हो चुके हैं. उन्होंने डेढ़ लाख पेड़ों का खुद का एक जंगल भी तैयार कर दिया है. इस काम के लिए उन्हें इंदिरा गांधी वृक्ष मित्र पुरस्कार, आर्यभट्ट पुरस्कार जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.