कृषि मंत्री ने फसल बीमा भुगतान में देरी पर जताई नाराजगी, तत्काल मुआवजा जारी करने के निर्देश :-
उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2023-24 के किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को हाथीबड़कला स्थित कैंप कार्यालय में कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों और एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में किसानों को फसल बीमा भुगतान में हो रही देरी को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने फसल बीमा भुगतान में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। उन्होंने सचिव कृषि को मुआवजा वितरण में हुई देरी के कारणों की जांच के आदेश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारीगण पूरी गंभीरता से कार्य करें ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके। कृषि मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसानों को उनका हक समय पर मिले और भविष्य में इस प्रकार की समस्या न हो यह सुनिश्चित किया जाए।
किसान मंच के प्रदेश संयोजक आजाद डिमरी ने बीमा कम्पनी पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि एस बी आई जनरल इंश्योरेंस कम्पनी किसानों की फसल बीमा राशि का भुगतान मानको के अनुसार न करके छलावा कर रही है। आजाद डिमरी ने कहा है कि किसानों का जो पैसा सेब इंश्योरेंस में पिछले वर्ष 2023-24 में लगाया गया था वो साल भर बाद घटा कर कम किया जा रहा है और शेष राशी किसानों के खाते में डाली जा रही है. इस बात से आंकलन किया जा सकता है कि जब एस बी आई जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसानों को जो उनका दावा भुगतान किया जाना था उसके बदले किसानों का प्रोमियम घटाया जा रहा है, किसानों का यह पैसा कंपनी आखिर किस
नियम के तहत कम कर रही है और यदि कम भी किया जाना था तो इतना पैसा एक साल से अपने पास क्यों रखा हुआ था। डिमरी ने कहा कि उत्तरकाशी सहित पूरे उत्तराखंड के किसान कंपनी के इस दोहरे रवैए से भारी
आहत है, जबकि किसानों ने पिछले वर्ष इंश्योरेंस लगाया था उस समय
मानक के अनुरूप सी एस सी सेंटर से कागज लगाए गए थे, लेकिन कंपनी द्वारा समय समय पर अपने नियमों में बदलाव कर हर नियम को किसान के ऊपर थोपे जा रही है, पिछले वर्ष दावा भुगतान भी अब तक नहीं दिया गया जबकी यह दवा भुगतान नवंबर में बंट जाना चाहिए था, किसानों का जो मुआवजा बनाया गया उस में भी अनेक जगह प्रायमरी डाटा के बजाय बेकअप वाला डाटा के अनुसार मुआवजा बनाया जा रहा है जिसका जीता जागता
उदाहरण सेवरी वेदर स्टेशन है यहां का प्रायमरी डाटा पिछले दो वर्षों से न लेकर बेकअप के आधार पर डाटा बनाया जा रहा है, जबकि इस क्षेत्र में भारी नुकसान भी हुआ था। आजाद डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी सहित दस जनपदों में एस बी आई जनरल कंपनी मौसम आधारित फसल बीमा योजना को संचालित कर रही है लेकिन रबी फसल 2023 का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है जबकि देहरादून सहित तीन जनपदों में ए आई सी कंपनी इस कार्य को कर रही है जहां इस कंपनी ने किसानों का दावा भुगतान कर दिया है, जिस कारण उत्तरकाशी के किसानों में भारी नाराजगी है यदि शीघ्र ही एस बी आई जनरल कंपनी द्वारा किसानों का भुगतान नहीं किया गया तो किसानों द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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